Morar area of Gwalior district has become completely corona free. Now there is no corona infected patient in any village of this area. This success has been achieved with the understanding and hard work of government servants of various departments posted in Morar Janpad #Panchayat and with the cooperation of the general public. Once 27 villages in Morar area were infected with corona.
Gwalior Covid in-charge Pradhuman Singh Tomar discussed with the employees-officers and villagers of all 60 village panchayats of the Morar block through Google Meet for four consecutive days and called for unitedly fighting against #Coronavirus. Due to this, awareness came from #village to village and villagers became aware about Corona. #GwaliorFightsCorona
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जिले का #मुरार विकासखण्ड पूरी तरह कोरोना मुक्त हो चुका है। इस विकासखण्ड के अब किसी भी गाँव में कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं है। जनपद पंचायत मुरार में पदस्थ विभिन्न विभागों के कर्तव्यनिष्ठ शासकीय सेवकों की सूझबूझ व कड़ी मेहनत और आम जनता के सहयोग से यह सफलता मिली है।
जनपद पंचायत मुरार के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री राजीव मिश्रा ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर में मुरार विकासखण्ड में पहला केस एक अप्रैल को मिला था। इसके बाद धीरे-धीरे कोरोना की रफ्तार बढ़ती गई और कई ग्रामीण कोविड-19 वायरस से संक्रमित हुए। उन्होंने बताया कि विकासखण्ड के ग्राम सियावरी में एक ही दिन में कोरोना के 27 ग्रामीण संक्रमित पाए गए थे। विकासखण्ड में कुल मिलाकर संक्रमितों की अधिकतम संख्या 185 तक पहुँची। इससे सम्पूर्ण विकासखण्ड में चिंता की लहर दौड़ गई।
मुरार जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बताते हैं कि दूसरी लहर में संक्रमण की रफ्तार बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर मुरार विकासखण्ड के गाँव-गाँव में भी क्राइसेस मैनेजमेंट ग्रुप का गठन हुआ। मुख्यमंत्री ने गाँववासियों के सुझाव सुने और कोरोना से निपटने के उपाय भी बताए, इसका व्यापक असर हुआ। साथ ही जिले के कोविड प्रभारी एवं ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने लगातार चार दिन तक जब गूगल मीट के जरिए विकासखण्ड की सभी 60 ग्राम पंचायतों के कर्मचारियों-अधिकारियों व ग्रामीणों से चर्चा की और एकजुट होकर कोरोना से लड़ाई लड़ने का आह्वान किया। इससे गाँव-गाँव में जागरूकता आई और ग्रामीणजन कोरोना को लेकर सजग हो गए।
कलेक्टर श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के नेतृत्व में कोरोना से निपटने के लिये बनी रणनीति को गाँव-गाँव में प्रभावी ढंग से मूर्तरूप दिया गया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री किशोर कान्याल ने इस पर लगातार नजर रखी और प्रतिदिन की गई कार्रवाई की जानकारी भी ली।
कोरोना के मरीज बढ़े तो गाँवों में बैरीकेटिंग कराकर बाहरी व्यक्ति के प्रवेश को पूर्णत: रोक दिया गया। चौपालों पर बैठकें बंद कर दी गईं। युवाओं ने गलबहियाँ डालकर घूमना बंद कर दिया। सात फेरे अर्थात विवाह समारोह भी थम गए। स्वछंद विचरण करने वाले ग्रामीणों ने अपने चेहरे मास्क से ढक लिए। प्रयास ऐसे हुए कि गांव की गलियाँ सूनी दिखने लगीं। जाहिर है इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए और 11 जून को वह सुखद घड़ी आ गई कि मुरार विकासखण्ड के किसी भी गाँव में कोई भी संक्रमित नहीं रहा। अर्थात मुरार विकासखण्ड के सभी गाँव अब पूर्णत: कोरोना मुक्त हो गए हैं। साथ ही कोरोना की तीसरी लहर आने की नौबत न आए इसको लेकर सजग भी हैं।